चिंता क्या है। चिंता है आपके मन की अशांति, बेचैनी चिंता ढाई शब्द का है। चिंता शब्द जिसका मतलब है कि चुराने वाले ,न इसका मतलब नकारात्मक भाव देने वाले और जिसका अर्थ तबाही करने वाली। चिता तो मरे हुए इंसान को जलाती है पर चिंता एक जिंदा इंसान को ही जला देती है। इसलिए हमें चिंता नहीं बल्कि चिंतन करना चाहिए। यह शारीरिक रोग से बहुत ही भयानक होती है।
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मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह हर समय कुछ न कुछ सोचता रहता है कभी नौकरी न पाने की चिन्ता तो कभी पैसा न होने की चिंता , कभी शादी न होने की चिन्ता इत्यादि। वैसे तो सोचना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है पर जब आवश्यकता से अधिक आप सोचते हैं तो यह आपके शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो जाता है। चिंता शारीरिक, भावनात्मक और व्यवहारिक विशेषता बताने वाला मनो घटक है। जब कोई विचार एक निश्चित स्तर से आगे बढ़ जाता है तो उसे चिंता कहते हैं। चिंता के बारे में कबीर दास ने दो पंक्तियां कही है “चिंता ऐसी डाकनी जो काट कलेजा खाए वैद्य बेचारा क्या करें कहां तक दवा लगाएं”
चिन्ता के लक्षण
जब हम किसी बात को लेकर आवश्यकता से अधिक विचार करते हैं तो हमारे शरीर और मन में कुछ इस तरह के बदलाव दिखाई देते हैं जैसे –
- धड़कन तेज होना
- पसीना आना हाथों और पैरों में अकड़न
- पेट की समस्या
- आत्मविश्वास की कमी
- शारीरिक थकावट
- निराशा से घिर जाना
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन
- बेचैनी का महसूस होना
- खासी का आना
- नकारात्मक विचारो का आना
चिन्ता के प्रकार
पैनिक डिसऑर्डर
-जब हमारे अंदर अचानक से व्याकुलता या घबराहट होने लगे तो समझ जाना चाहिए कि हम पैनिक डिसऑर्डर के शिकार हो रहे है।
इस अवस्था में हम सीने में दर्द, पसीने से भीग जाना ,सांस लेने में कठिनाई , हार्ट की अधिक तीव्रता ,अपनी जिंदगी को समाप्त करना आदि को महसूस करते है।
सामान्यकृत चिन्ता विकार
-इस प्रकार की चिंता धीरे-धीरे शुरू होकर लंबे समय तक बनी रहती है। और अगर ऐसा लगातार छ: महीने से ज्यादा बना रहे तो समझ लेना चाहिए की आप इस प्रकार की चिन्ता से ग्रसित हो गए है। इसमे हम बिना किसी वजह ही अधिक चिंताग्रसित हो जाते है।
एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन
– इस प्रकार की चिन्ता किसी दुखदाई घटना के बाद पाई जाती है जैसे किसी नजदीकी का देहांत हो जाना,पारिवारिक विच्छेद हो जाना,मानसिक प्रतारणा हो जाना।
इस प्रकार के स्ट्रेस के कारण जो हमारे अंदर मानसिक और शारीरिक बदलाव या व्याकुलता होती है उसे एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन डिसऑर्डर कहा जाता है।
पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
-इसका मतलब यह होता है कि इसी तरह का ट्रोमा मानसिक या शारीरिक ट्रामा आपके ऊपर पड़ा है जिसके कारण आपके अंदर व्याकुलता हो रही है जैसे कोई स्ट्रेसफुल लाइव घटना हो गई है , कोई डिजास्टर हो गया है या कोई लाइव एक्सीडेंट आपने देख लिया है तो यह विचार अगर आपके अंदर बार-बार घूमते रहते हैं ड्रीम्स आते रहते हैं आपके अंदर यह बार-बार फ्लैश होता रहता है ,अगर यह लगातार छह महीने तक बना रहता है जिसके कारण आपके अंदर व्याकुलता या घबराहट होती है तो इससे उसे पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर कहते हैं।
फोबिया
-जब हमारे अंदर किसी क्रिया को लेकर अकारण ही भय आता है। उसे साधारण भाषा में फोबिया कहा जाता है।
फोबिया कई प्रकार के होते है जैसे सामाजिक फोबिया- इस तरह का इरेशनल फियर किसी ऑब्जेक्ट या फिर किसी इवेंट के अंतर्गत पाया जाता है। जैसे स्टेज परफॉरमेंस का डर, लोगों से बात करने का डर कि सामने वाले लोग हमारे बारे में क्या सोचेगे।,स्पेसिफिक फोबिया –
इसमे किसी विशेष ऑब्जेक्ट को लेकर फोबिया उत्पन्न होता है जैसे साँप का फियर, डॉग का फियर ,अग्रोफोबिया-इस तरह की फोबिया में हम किसी परिस्थिति का अनुमान लगाते है उसकी वजह से जो हमारे अंदर शारीरिक और मानसिक बदलाव दिखता है उसे अग्रोफोबिया कहते है।
चिन्ता के कारण
चिन्ता के कई कारण हो सकते है जैसे –
- किसी समस्या पर ओवर थिंकिंग करना
- आवश्यकता से अधिक मानसिक तर्क -वितर्क करना
- भूतकाल में घटित घटनाओ को बार बार बिचार में लाना
- भविष्य में घटित होने वाली घटनाओ के बारे में ज्यादा सोचना
- धुम्रपान और ओवर ड्रिंकिंग करना
चिंता का इलाज
उपर्युक्त किसी भी प्रकार का डिसऑर्डर आपके अंदर पनपता है तो उसको ठीक करने के लिए आप इन तरीको को अपनाकर स्ट्रेस से बच सकते है –
- मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की मदद
- अपने घर वालों की मदद से
- अपने दोस्तों से उस बात पर डिस्कशन करके
- अपने विवेक का प्रयोग करें
- शहद जैसा शब्द मानकर -”कर्म करो फल की इच्छा ना करो”
- ध्यान करके
- सकारात्मक विचारो को लाकर
- रिलैक्स और डीप ब्रीथिंग
- धुम्रपान और शराब छोड़कर
इसलिए हमें किसी बात की चिन्ता नहीं, चिंतन करना चाहिए। क्योकि चिन्ता से दुनिया में किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। कहा भी गया है कि
“ चिंता से बुद्धि घटे , घटे रूप और ज्ञान, चिंता बड़ी अभागिनी चिंता चिता समान” ..
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सधन्याबाद .
Right 👍