भावनाओ (Emotions ) का जीवन में महत्व-2024 /Bhavnao ka jeevan me mahatva
भावनाएँ हमारे व्यवहार को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण निभाती है कि हम कैसे सोचते हैं और व्यवहार करते हैं। जिन भावनाओं को हम प्रत्येक दिन महसूस करते हैं, वे हमें जीवन में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के निर्णय लेने के लिए मजबूर कर सकते हैं। सुख -दुःख ,उत्साह और निराशा ,प्यार और क्रोध ,शाहस और डर आदि भावनाओ के बिना जीवन में नीरसता आ जाती है । भावनाए जीवन में रस ,रंग ,और मसाला भरती है ,इसी के आधार पर हम जीवन की विभिन्न अनुभूतियो को महसूस करते है और उसी के आधार पर जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेते है । अक्सर हमने देखा होगा कि जो emotions एक बच्चे के अन्दर बचपन में ही किसी परिस्थित,अभ्यास ,संपर्क ,पुनरावृति आदि के द्वारा डाल दिया जाता है वो उसके पूरे जीवन के लिए एक अमिट स्याही की तरह संस्कार के रूप में बदल जाता है ।
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Toggleभावनाए किसी काम को करने के लिए अन्दर से उत्साहित करती है
जब आप एक किसी परीक्षा का सामना करना पड़ता है, तो आप इस बारे में बहुत चिंता महसूस कर सकते हैं कि क्या आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे और यह परीक्षा आपके अंतिम ग्रेड को कैसे प्रभावित करेगी। इन भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के कारण, आपको अध्ययन करने की अधिक संभावना हो सकती है। चूँकि आपने एक विशेष भावना का अनुभव किया, इसलिए आपको एक अच्छा ग्रेड प्राप्त करने की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए कार्रवाई करने और कुछ सकारात्मक करने की प्रेरणा मिली।
सकारात्मक भावनाओं का अनुभव करने और नकारात्मक भावनाओं को महसूस करने की संभावना को कम करने के लिए हम कुछ निश्चित कदम उठाते हैं। उदाहरण के लिए, आप सामाजिक गतिविधियों या शौक की तलाश कर सकते हैं जो आपको खुशी, संतोष और उत्साह प्रदान करते हैं। दूसरी ओर, आप शायद उन स्थितियों से बचेंगे जो संभवतः ऊब, उदासी या चिंता का कारण बन सकती हैं।
भावनाए हमें जीना सिखाती है ,खतरे में डालती है और खतरे से बचाती है
भावनाए निर्णय लेने में मदद करती हैं
भावनाए अन्य व्यक्तियों को हमें समझने में मदद करती है
भावनाये अन्य को समझने में मदद करती है
जिस तरह हमारी अपनी भावनाएँ दूसरों को मूल्यवान जानकारी प्रदान करती हैं, उसी तरह हमारे आस-पास के भावनात्मक भाव हमें सामाजिक जानकारी का खजाना देते हैं। सामाजिक संचार हमारे दैनिक जीवन और रिश्तों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और दूसरों की भावनाओं की व्याख्या और प्रतिक्रिया करने में सक्षम होना आवश्यक है।
यह हमें उचित रूप से प्रतिक्रिया करने और अपने दोस्तों, परिवार और प्रियजनों के साथ अधिक गहरे, अधिक सार्थक संबंधों का निर्माण करने की अनुमति देता है। यह हमें कई तरह की सामाजिक स्थितियों में प्रभावी ढंग से संवाद करने की अनुमति देता है, जो एक अच्छे ग्राहक की अगुवाई करने के लिए एक अनियमित ग्राहक के साथ व्यवहार करता है।
चार्ल्स डार्विन वैज्ञानिक रूप से भावनाओं का अध्ययन करने वाले शुरुआती शोधकर्ताओं में से एक थे। उन्होंने सुझाव दिया कि भावनात्मक प्रदर्शन भी सुरक्षा और अस्तित्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यदि आप एक क्रोधित व्यक्ति या थूकने वाले जानवर का सामना करते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से इंगित करेगा कि प्राणी गुस्से में और रक्षात्मक था, जिससे आप पीछे हट गए और संभावित खतरे से बच गए।
भावना का स्थायित्व विकास
वातावरण
वातावरण का भी भावना को develop करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है ।यहाँ वातावरण का अर्थ व्यापक है ।घर का वातावरण हो या फिर संगति का मनुष्य के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ती है ।घर में मौजूद पुस्तके,दीवारों के फोटो व् चित्र हमारे गीत संगीत ,भजन आदि का बच्चो की भावनाओ को buildup करने में बहुत योगदान होता है ।घर में मौजूद हर सदस्य जैसे माता -पिता,भाई -बहन ,चाचा-चाची का व्यवहार ,का भावनाओ के विकास में बहुत योगदान होता है ।
घर का माहौल
भावनाये बचपन से ही बनती है
बचपन से ही बच्चो के मन में बड़ो के प्रति आदर ,प्रतिष्ठा,सम्मान ,छोटो के प्रति स्नेह ,दया ,सहानुभूति ,मैत्री भाव ,सहकारिता ,प्रेम ,संगठन सहयोग की भावनाए बच्चो के गुप्त मन में उत्पन्न करनी चाहिए ।आदर्श आचरण तथा उचित निर्देशन से यह कार्य माता-पिता ,अध्यापक सभी कर सकते है ।
बचपन में पनपी भावनाए कैसे हमारे अन्दर पैठ बना लेती है इसको समझाने के लिए एक उदहारण के माध्यम से समझते है -मान लिए एक बच्चा कुसंगति के कारण एक भद्दा गाना अनजाने में सुनकर सीख लेता है तब वह उसका अर्थ नहीं समझता है ,लेकिन बड़ा होकर वह उसका अर्थ धीरे-धीरे समझने लगता है और तब वह जीवन भर उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहता । यही बच्चा अगर कोई राष्ट्र प्रेम का गीत ,सुविचार ,प्रेरक कहानिया ,सदाचार का पाठ ,स्वअनुशासन जैसी सीख अगर वह अनजाने में सीख ले तो बड़ा होकर वह निरंतर उच्च मार्ग पर ही चलेगा ।
अतः हमें अपनी भावनाओ पर नियंत्रण रखना चाहिए । भावनाओ के आवेग में आकर कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी बिलकुल न करे और न ही सामने वाले की भावना जाने बिना कोई निर्णय दे । आशा करता हूँ की उप्रयुक्त लेख आपको पसंद आया होगा ।
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धन्यबाद