भारत की मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल का कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है . .उन्होंने रविवार को फाइनल में 221.7का स्कोर किया । उन्होंने शूटिंग में पदों का 12 साल का सूखा भी खत्म कर दिया है । इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में विजय कुमार ने रजत और गगन नारंग ने कांस्य पदक जीता था ।मनु के इस पदक के साथ ओलंपिक के दूसरे ही दिन देश का खाता भी खुल गया ।मनु सिर्फ 0.1 अंक से स्वर्ण और रजत पदक की होड़ में आने से चूक गई । इस प्रतियोगिता में कोरियाई शूटर की ओह ये जिन 243.2 पॉइंट स्कोर करके गोल्ड पदक जीता। कोरिया की ही किम येजी ने 241.3 पॉइंट करके सिल्वर मैडल जीता ।
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Toggleइससे पहले ओलंपिक पदक जीतने वाले निशानेबाज
अभिनव बिंद्रा-स्वर्ण-2008
राज्यवर्धन राठौर-रजत-2004
विजय कुमार-रजत-2012
गगन नारंग -कांस्य पदक-2012
मुझे गीता से मिला शक्ति
में भागवत गीता को बहुत पढ़ती हूँ । भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था अपना कर्म करो , फल की चिंता मत करो ,मैं यही कर रही थी आप केवल कोशिश कर सकते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं । यही से मुझे अपने कर्म पर फोकस करने की असीम उर्जा मिलती है । मुझे अभी यह सपना लग रहा है। इससे प्रेरित होकर मैंने अंतिम निशाने पर मैंने अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी ।
मनु भाकर का परिचय और शुरुआती जीवन
मनु भाकर, भारतीय निशानेबाज, का जन्म 18 फरवरी 2002 को हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ। उनके पिता राम किशन भाकर हरियाणा पुलिस में एक अधिकारी हैं, और मां सुमेधा भाकर एक स्कूल टीचर हैं। मनु का प्रारंभिक जीवन गोरिया गांव में ही बीता, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से प्राप्त की।
मनु ने बचपन से ही खेलों में गहरी रुचि रखी थी। उन्होंने विभिन्न खेलों में भाग लिया, जिसमें मुक्केबाजी, टेनिस, स्केटिंग और ताइक्वांडो शामिल थे। इन खेलों में भाग लेने के दौरान ही उन्होंने अपने खेल कौशल और प्रतिस्पर्धात्मक आत्मविश्वास को विकसित किया। हालांकि, पेशेवर रूप से निशानेबाजी में करियर बनाने का निर्णय उन्होंने 14 साल की उम्र में लिया। इस उम्र में उन्होंने निशानेबाजी की प्रारंभिक प्रशिक्षण लेना शुरू किया और अपने तेज सीखने की क्षमता और समर्पण के कारण जल्दी ही प्रमुखता प्राप्त की।
करियर की शुरुआत और प्रमुख उपलब्धियां
मनु भाकर ने अपने करियर की शुरुआत 2017 में की जब उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पहला गोल्ड मेडल जीता। इस उपलब्धि के साथ ही उनका करियर एक नई दिशा में बढ़ने लगा। 2018 एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ, जब मनु ने ISSF वर्ल्ड कप में महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। यह जीत उनके युवा करियर की एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि वे इस प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज बनीं।
वहीं, उसी वर्ष में उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपनी चमक दिखाई। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। यह जीत उनके करियर की दूसरी प्रमुख उपलब्धि थी और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम ऊंचा किया। इन सफलताओं ने उन्हें न केवल भारतीय खेलों में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मान्यता दिलाई।
टोक्यो ओलंपिक्स में चुनौतियाँ
मनु भाकर ने 2021 के टोक्यो ओलंपिक्स में भारतीय शूटिंग टीम का प्रतिनिधित्व किया। यह ओलंपिक्स उनके लिए मिश्रित अनुभव लेकर आया। महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में उन्होंने अच्छी शुरुआत की, लेकिन उनके पिस्टल में तकनीकी समस्याएं आ गईं। पिस्टल का ट्रिगर फंस गया, जिससे उनका ध्यान भटका और उनकी परफॉर्मेंस प्रभावित हुई। इस समस्या के बावजूद, मनु ने पूरी कोशिश की लेकिन वे फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं।
इसी तरह, 25 मीटर पिस्टल इवेंट में भी मनु ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। वे इस इवेंट के फाइनल में भी जगह नहीं बना पाईं। यह ओलंपिक्स उनके लिए एक बड़ा सेटबैक साबित हुआ, क्योंकि वे लगातार सफलता प्राप्त करने के बाद इस मंच पर संघर्ष कर रही थीं। इस अनुभव ने उन्हें इमोशनली और मेंटली प्रभावित किया, लेकिन उनकी हार मानने की भावना ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
हाल की उपलब्धियां और संघर्ष
मनु भाकर ने टोक्यो ओलंपिक्स के बाद भी निरंतर मेहनत की और छोटे-बड़े इवेंट्स में सफलता प्राप्त की। 2021 में, उन्होंने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल इंडिविजुअल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद 2022 में, एशियन गेम्स में महिलाओं के 25 मीटर पिस्टल टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता।
2022 में ही, उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप कायरो में 25 मीटर पिस्टल इवेंट में सिल्वर मेडल जीता। 2023 में, उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप बाकू में 25 मीटर पिस्टल टीम इवेंट में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इसके अलावा, 2023 एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 25 मीटर पिस्टल में पांचवां स्थान प्राप्त किया, लेकिन पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए कोटा हासिल किया।
उनकी मेहनत और समर्पण के परिणामस्वरूप, मनु ने 2023 शूटिंग वर्ल्ड कप भोपाल में 25 मीटर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस उपलब्धि ने उन्हें पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए और भी प्रेरित किया। पेरिस ओलंपिक्स में, उन्होंने एक बार फिर से अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया और ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफलता प्राप्त की।
सराहना और समर्थन
मनु भाकर की पेरिस ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण था। 12 साल बाद, भारत को शूटिंग में ओलंपिक्स मेडल प्राप्त हुआ। इस जीत ने मनु को न केवल खेल जगत में बल्कि देशभर में भी प्रशंसा और मान्यता दिलाई।
उनके कोच जसपाल राणा का इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने मनु को सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान किया, जिससे वे इस लक्ष्य को प्राप्त कर पाईं। मनु ने खुद भी बताया कि 2023 में, वह शूटिंग छोड़ने के करीब थीं क्योंकि उन्हें इसे बोरिंग 9 से 5 की नौकरी की तरह लगने लगा था। लेकिन जसपाल राणा ने उन्हें आगे बढ़ने और जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
भारत सरकार ने मनु की ट्रेनिंग के लिए लगभग दो करोड़ रुपये खर्च किए, जिससे उनकी तैयारी और प्रदर्शन में सुधार हुआ। प्रधानमंत्री मोदी और अन्य सरकारी अधिकारियों ने उनकी इस उपलब्धि की सराहना की और उन्हें बधाई दी। मनु भाकर की सफलता ने भारतीय खेलों के प्रति लोगों की उम्मीदों को और भी ऊंचा किया और उन्हें भविष्य के इवेंट्स के लिए प्रोत्साहित किया।